यूँ मिले तुम पहले से आज....
की दिल का हर अरमान फ़िर से सर उठाने लगा.....
वो ख्वाब भी करवट लेने लगे हैं....
जिन ख्वाबों को मैं ख़ुद सुलाने था चला...
एक अरसे से आज मुस्कुराने को दिल चाहा....
एक अरसे से आज कुछ गुनगुनाने को दिल चाहा.....
मुद्दत बाद लगा की जिंदगी अभी भी बाकी है.....
एक अरसे बाद हमने खुदा से कुछ अपने लिए मांगा है....
अश्क तो पहले भी थे पलकों पर....
पर उन अश्कों में दिल डूबा डूबा सा रहता था...
चेहरा तो आज भी भीगा है अश्कों से...
पर आज एक अरसे बाद आईने ने मुझे फ़िर से हसीं बताया है...
1 comment:
यूँ मिले तुम पहले से आज....
की दिल का हर अरमान फ़िर से सर उठाने लगा.....
वो ख्वाब भी करवट लेने लगे हैं....
जिन ख्वाबों को मैं ख़ुद सुलाने था चला...
bhut badhiya lagi. jari rhe.
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