हैं खामोश तो यूँ न समझ की दिल में कोई बात नहीं....
कर रहे हैं मुस्कुरा के बात तो यूँ न समझ दिल में कोई जज्बात नहीं....
तेरी फुरकत किस तरह सह पाएंगे, इसी ख़याल से जान जाने को है......
लबों से कुछ न कह पाए तो यूँ न समझ, की हमे तेरा अंदाज-ऐ-हालात नही...
रह-ऐ-हयात मे कुछ ऐसे भी मोड़ आते है....
जिसके बारे मे कभी सोचा भी नही था....उनके बिना एक पल भी नही सुकून पाते है...
अक्सर किस्मत ऐसे इम्तिहान लेती है....
जिनके न जाने की दुआ करते है.....वो ही सबसे पहले दूर जाके जलाते है.....
1 comment:
खामोश तो यूँ न समझ की दिल में कोई बात नहीं....
कर रहे हैं मुस्कुरा के बात तो यूँ न समझ दिल में कोई जज्बात नहीं....
तेरी फुरकत किस तरह सह पाएंगे, इसी ख़याल से जान जाने को है......
लबों से कुछ न कह पाए तो यूँ न समझ, की हमे तेरा अंदाज-ऐ-हालात नही...
क्या बात है सच अगर कोई खामोश है तो कभी ये न समझना चाहिए की उसके अन्दर जज्बात नहीं
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