बीते लम्हों की जब याद आती है....
ये पलके ख़ुद बखुद ही भर आती है...
जब भी याद करता हूँ किसी अपने को...
तेरी सूरत ही सामने आ जाती है....
तमाम कोशिशे करके देखली ...
तुझे भुलाने की हमने....
पर जब भी ये पलके जुड़ जाती है....
तू ही सामने आ जाती है....
वादा लिया था तुमने....
की सदा मुस्कुराएंगे हम....
हम भी शिद्दत से वादा निभाना चाहते है पर...
ज्यादा मुस्कुराने की कवायद में भी ये आँखें भर आती है....
2 comments:
बहुत ही सुन्दर है बीते लम्हे...
वाह बहुत ख़ूबसूरत रचना लिखा है आपने!
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