Saturday, September 29, 2012

कशमकश

शब्दों की बाजीगरी, हमे नहीं आता ....
बेबाक बयां, दुनिया को रास नही आता ...
खामोश रहना, दिल को नहीं गवारा ....
करू तो करू क्या, ए दिल तू ही बता ...


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