Thursday, September 6, 2012

मेरे जीतेजी न कहा।।

जब तक पास था मैं ...
उन्हें न वक़्त था मेरे लिए ....
अब दूर  गया हु तो ...
मेरी  से लिपट  रोते है ...

ज़िन्दगी भर तरसता रहा ...
जो अलफ़ाज़ सुनने को ...
वो कह रहे है मुझसे ...
जब तस्वीर बनके दीवार पे लटक गया हूँ ....


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