उसने कहा - चलो रखते है 'वफ़ा', उन्वान ए गुफ्त्फू ....
फिर देखते है महफ़िल में रुकता कौन है ...
मैंने कहा - रखलो उन्वान ए गुफ्तगू वफ़ा या उन्स जो चाहे ....
बस किसी भी बहाने तेरा दीदार हो, काफी है ....
फिर देखते है महफ़िल में रुकता कौन है ...
मैंने कहा - रखलो उन्वान ए गुफ्तगू वफ़ा या उन्स जो चाहे ....
बस किसी भी बहाने तेरा दीदार हो, काफी है ....
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