Monday, November 5, 2012

मेरी जज्ब की इन्तेहाँ ....

चलते मेरी ख़ामोशी के ...
उसके सितम बढ़ते गए ...
शायद ले रहा है वो ...
मेरी जज्ब की इन्तेहाँ ....

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