Friday, February 15, 2013

dadicate to my first crush...

पहले प्यार की यादें सारी ....
खट्टी मीठी प्यारी प्यारी ..
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उनसे वो बेमकसद नज़रें मिलना याद है ...
वो पहली नज़र में दिल में  उतरना याद है ...
तन्हाई में उसकी यादों का गुदगुदाना याद है ....
बेठे बेठे अकेले में बेमतलब मुस्कुराना याद है ...
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रास्ते में उसके टकटकी लगाना याद है ...
उसके दीखते ही भाग के छुप जाना याद है ...
छुप छुप के दिवार की ओट से उन्हें ताड़ना याद है ...
उनकी नज़र पड़ने पे वो सकपकाना याद है ....
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उनको लुभाने को वो बनना संवारना याद है ....
पढने के बहाने वो छत से उन्हें देखना याद है ....
किसी राह दिख जाये तो घूम के सामने आना याद है ...
कम्बल में घुस के सोने के बहाने सपने सजाना याद है ...
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उसके छुए कागज़ को भी जेब में सहेजना याद है ...
उसका वो "रेड ड्रेस" में दिखने पे खिल जाना याद है ...
रोज उससे बात करने की हिम्मत जुटाना याद है ...
उसके सामने आने पे वो हकलाना याद है ....

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