कहीं दंगो की आंच से …।
कही बलात्कारियो दुष्काम से। …
कही राजनितिक समिकरन से ….
कही प्याज की जलन से ….
कही महंगाई की मार से ….
कही डोलेर और रुपये की तकरार से। …
देश का वातावरण गरमाया है ….
शायद उसीका असर मौसम में भी आया है। …
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