Sunday, September 9, 2012

मेरे ही गुलशन के कुछ फूल थे ...

लूट लेते है अक्सर वो ही .....
जिन्हें दिल अपना कहते नहीं थकता ....
जख्म दिए है जिसने मुझे ये ...
मेरे ही गुलशन के कुछ फूल थे ....

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