जाने कैसे लोग वो कर गुज़र जाते है ...
जो हम सोच के भी सिहर जाते है ....
किसी अंधी खब्त को जेहाद का नाम देके ...
जाने केसे आईने में नज़र मिला पाते है ....
जो हम सोच के भी सिहर जाते है ....
किसी अंधी खब्त को जेहाद का नाम देके ...
जाने केसे आईने में नज़र मिला पाते है ....
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