Monday, July 19, 2010

बदलती दुनिया...

नजर बदल जाती है, लोग बदल जाते है.....
नए मुसाफिर मिलते है, पुराने छुट जाते जाते है.....
यही दस्तूर है इस दुनिया का, जानते है हम.....
पर जाने क्यों हर बदलाव के साथ हम खुद को नही बदल पाते है....