Saturday, August 24, 2013

सुकून रुह को

 सुकून रुह को मिलता है तेरे ख्याल भर से मुझे  …

तू याद आती है तो रुकी ज़िन्दगी खनक जाती है। … 

Monday, August 19, 2013

न खुद का हाल बताते है

वोह आते है और मेरी तहरीरें पढ़ जाते  है   ……

न हमसे हाल पूछते हैं, न खुद का हाल बताते है  …… 

अधुरा मैं तेरे बिना

एक अरसा हो चला तुझसे गु-फ़्त-गु किये  ….

हर लम्हा खुद को अधुरा महसूस किया  ……  

गले नहीं उतर रहा।

है तो तुझे भी खबर मेरी तड़प की। ….
फिर भी तेरा खामोश रहना गले नहीं उतर रहा। ….
कुछ तो बात है जो बता नहीं रहे हमे। …।
ये अचानक तेरा चुप होना गले नहीं उतर रहा। ……

जिद से बंधे है

खड़े हो सामने  …. फिर भी ख़ामोशी है दरमियाँ। …
हम वादे से बंधे है अपने  …. और तुम अपनी जिद से  …। 

मोह्होब्बत्त… के गुल

 क्या क्या गुल खिलाती है मोह्होब्बत्त ,,,,
कैसे कैसे मंज़र दिखाती है मोह्होब्बत्त ,,,,,
दिल टुटा है भी गर अपना इसमें ,,,,,
जाने क्यों उसका नाम आते ही जाग जाती है मोह्होब्बत्त…

Saturday, August 10, 2013

नया दिल कहा से लाऊ

कोई तो बताये की रोज़ एक नया दिल कहा से लाऊ। …

एक खेल सा बना लिया है बेमुर्रब्बत तोड़ने वालो ने तो। ….

दिल-ए-नादाँ

ख़ामोशी से टूट जाता है। ….
अकेले में सिसक लेता है। ….
तनहाइ के नग्मे गा लेता है। ।
खुद ही फिर संभल भी जाता है। …. ये मेरा दिल-ए-नादाँ 

अलविदा.....

खलने लगी है ख़ामोशी तेरी। …
जैसे वीरानी सी छाई है तमाम जहाँ  …।
खफा हो गर तो खता बतादो  …।
वरना हम ये चले कहके अलविदा। । 

Tuesday, August 6, 2013

ज़माने का रंग

 ये तोहमत न दिल को दो की पत्थर के होने लगे है  …
 ये तो बस ज़माने का रंग दिखाते है खुद में। … 

बिसात -ए - मोह्होब्बत

बिसात -ए - मोह्होब्बत की हर बाज़ी हारा मैं  ….

किसी भी तरह दिल तेरा जीतने की फ़िराक में  …. 

Monday, August 5, 2013

कदरदान

मैंने हारा है दिल मोह्होब्बत में कई मर्तबा। … 
इस उम्मीद में की शायद इस बार कदरदान मिल जाए। …