Friday, March 28, 2008

कुछ बात होती.....

मेरे दर्द की कुछ इन्तहा होती तो कुछ बात होती,
मेरी चाहत तुम समझ पाती तो कुछ बात होती,
फ़िर इस तरह से मुझसे दूर जाने का फ़ैसला तुम न लेती,
मेरी खामोशियों की वजह तुम समझ पाती तो कुछ बात होती,

मेरी मुस्कान के पीछे का दर्द तुम समझ पाती तो कुछ बात होती,
मेरी नज़रों को तुम पढ़ पाती तो कुछ बात होती,
अपनों को ही दर्द का एहसास बोल के कराना पड़े तो क्या अपने हुए,
मेरे बिन कुछ कहे तुम सब समझ पाती तो कुछ बात होती........

Wednesday, March 26, 2008

सब कुछ नया नया.......

मिला जो तुमसे तो लगा,
जिंदगी से त-आरुफ़ हुआ,
हैरां हूँ मैं ये सोच कर,
इतने दिन मैं केसे जिया,
आती जाती सांसो की बस यही है सदा,
अब जिया जाता नहीं होके तुमसे जुदा,
मिलना तो अपना तय है ये तो जनता हूँ मैं,
धड़कने कब रह पाई है होके दिल से जुदा,

यूं ही पहले भी रोशन होती होगी दीवाली,
यूं ही पहले भी रंग बिखेरती होगी होली,
यूं ही पहले बहार चमन महकती होगी,
यूं ही पहले भी बारिश बदन भिगाती होगी,
जाने क्यों हमको कुछ भी याद नहीं,
अब सब कुछ लगता है नया नया,

अक्सर.....

नही बेवफा तू ये जानता ह मैं,
पर तेरी वफाओं का भी तो ये सुबूत नहीं,
मुस्सरतें कहाँ हासिल थी मुझे,
पर मेरे में गम में भी तो तू मौजूद नहीं,

भुला देते है अक्सर वो ही, याद करने का जो दावा करते है,
रुला देते है अक्सर वो ही, हँसाने का सदा जो वादा करते है,
गेरों से तो खुशी की आरजू भी क्या करें,
गिरा देते है अक्सर वो ही, सहारा देने का जो दावा करते है,
अपने अक्स का भी ऐतबार करना मुश्किल है यहाँ 'दिल',
चुपके से दमन छुडा लेते है अक्सर वो ही, हर हाल में जो साथ देने का दावा करते है,

बातों बातों में...

बातों बातों में जब तेरी बात चल जाती है,
दिल को मेरे तेरी कमी सी खल जाती है,
याद किया जाता है उन्हें,
जिन्हें भुला दिया गया हो कभी,
मेरे दिल से तो तेरी याद एक पल के लिए भी नही जाती है,

बहुत तनहा हूँ मैं की मुझे तेरे साथ की जरूरत है,
कहा ही था मैने की तुमने अपनी रहें बदल ली,
तेरी हसरत की मेने पर पा न सका तुझे,
इसीलिए ये दुनिया नाकाम आशिक मुझे बुलाती है......