Monday, February 25, 2013

क्या रहा बिकने को ....

बिकता है सब कुछ यहाँ .. पर ...
रिश्ते बिकते है तो दिल टूटता है ...
प्यार बिकता है तो चुभता है ....
भरोसा बिकता है तो खलता है ....
ईमान बिकता है तो खटकता है ...
सच बिकता है तो कचोटता है ...
हर उस बात से ज्यादा दर्द तब होता है
जब ...गद्दारों के हाथों वतन बिकता है ....


अंधी खब्त

जाने कैसे लोग वो कर गुज़र जाते है ...
जो हम सोच के भी सिहर जाते है ....
किसी अंधी खब्त को जेहाद का नाम देके ...
जाने केसे आईने में नज़र मिला पाते है ....

Saturday, February 23, 2013

हार के भी जीते

हर  खेल में जीत ही मंसूबा नहीं होती .....

दिलों के खेल हार के भी जीते जाते है ....

खामोश रहता हु

जो मुझपे है गुजरी
बताऊंगा तो रो पड़ोगे ....
बस इसी डर से ..
मिलके भी खामोश रहता हु तुमसे ...

INSAAN... ??

q jamin se aasman me jaa raha insaan
q apni jaat se hi ghabra raha insaan...
jaanwaron ko kata jana aam tha kal
tak...
aaj chouraho pe kata ja raha insaan...

.
kahte hai bharose pe chalti hai 
duniya...
ese halaton me kispe yakin kare
insaan...
hum pyala hum niwala bhi kab daga
dede..
apne saaye se bhi ghabra ke chalta
insaan...
rishte nate sab bhool wahshi hua...
jane kis andhi doud me doud raha
insaan...
.

paiso ki chaht me kitna gir gaya
insaan...
bech deta watan, dekho bech deta
imaan...
deke takleef kisi ko kese muskura leta
insaan...
na rakhta khouf khuda ka, dekho bant
diya bhagwan...
kis had tak gir gaya, shayd sharma
jaye shaitan...
shaq hota hai ab to kya "insaan" bacha
hai insaan...

Monday, February 18, 2013

आंसुओ की तरह ...

बरसातों का मिजाज़ भी समझ नहीं आता ...

बरस पड़ती है ख़ुशी ओ गम में आंसुओ की तरह ...

इश्क की तारीफ़

कसीदे तो बहुत पढ़ लिए इश्क की तारीफ़ में हमने ...

निभाने चले इश्क तो समझे मुश्किलात इसके ....

उसकी एक नज़र...

हो गई उसकी सारी कायनात ... बस एक नज़र में ...

जाने क्या कशिश है उसकी इस एक नज़र में .....

मगरूर

उसके किसी सितम का जवाब नहीं दिया मैंने ...

वो मगरूर इसे अपनी जीत मान बेठे ....

इत्तेफाक

अजीब इत्तेफाक है तेरी और मेरी हसरतों में ...
.
मुझे भी वही हसरत है जो तुझे है मेरी जानिब ...

इसे बस तू ही तू चाहिए .....

इतना भी नादान नहीं है ये दिल ... की कुछ भी करने से बहल जाये ...

इसे तेरा फितूर है ... इसे बस तू ही तू चाहिए .....

रहनुमा ढुंढते है ....

इक उम्र गुजार दी उनके इंतज़ार में ए दिल ...

चल अब कोई और रहनुमा ढुंढते है तेरा ....

फितरत आशिकों की ....

अजीब सी फितरत है आशिकों की तेरे लिए ए इश्क ....

तोहमत भी लगते है और किये बिना भी नहीं रह पाते ....

Friday, February 15, 2013

dadicate to my first crush...

पहले प्यार की यादें सारी ....
खट्टी मीठी प्यारी प्यारी ..
.
उनसे वो बेमकसद नज़रें मिलना याद है ...
वो पहली नज़र में दिल में  उतरना याद है ...
तन्हाई में उसकी यादों का गुदगुदाना याद है ....
बेठे बेठे अकेले में बेमतलब मुस्कुराना याद है ...
.
रास्ते में उसके टकटकी लगाना याद है ...
उसके दीखते ही भाग के छुप जाना याद है ...
छुप छुप के दिवार की ओट से उन्हें ताड़ना याद है ...
उनकी नज़र पड़ने पे वो सकपकाना याद है ....
.
उनको लुभाने को वो बनना संवारना याद है ....
पढने के बहाने वो छत से उन्हें देखना याद है ....
किसी राह दिख जाये तो घूम के सामने आना याद है ...
कम्बल में घुस के सोने के बहाने सपने सजाना याद है ...
.
उसके छुए कागज़ को भी जेब में सहेजना याद है ...
उसका वो "रेड ड्रेस" में दिखने पे खिल जाना याद है ...
रोज उससे बात करने की हिम्मत जुटाना याद है ...
उसके सामने आने पे वो हकलाना याद है ....

Saturday, February 9, 2013

हर जगह वही दिखती है ..

सराब (वहम) है वो या हकीक़त ... खुदा जाने ...

जिस दिन से देखा है .. हर जगह वही दिखती है ..

जाते जाते ...

जाते है वो जब तो जान तक भी साथ ले जातें है ...

जाने किस बात का ख्याल रखने को कह जाते है ....


बस एक अदा से ....

जाने कैसे उसकी अदाओं से लोग घायल हो जाते है ...

हमे तो क़त्ल ही कर दिया कमबख्त ने बस एक अदा से ....

है इश्क गर गुनाह ..

है इश्क गर गुनाह .. तो हर आशिक को सूली चढ़ा दो ...

जिसने कभी प्यार न किया हो .... पहले उससे मिला दो ....

फितरतें भी बदल डालते है ....

'इश्क' मेरा तखल्लुस हो गया है और 'सितम' तेरा ...

साल बदल गया .... चल फितरतें भी बदल डालते है ....

खिजां

बहार के जाने का दर्द ... खिजां को भी सालता है ...

हरे पत्तों को जो .. पीले पत्तों में तब्दील कर देता है ....