Thursday, September 25, 2014

शैतान बच्चो की क्लास। …

मास्टर जी क्लास में आते है और बच्चे शोर मचाते रहते है। ।
मास्टर जी - क्यों क्लास को सर पे उठा रखा है।?
एक बच्चा - मास्टर जी मम्मी तो बोलती है शेषनाग ने उठा रखा है धरती को सर पे....
तभी एक बच्चा क्लास में देर से आता है। …
मास्टर - लेट क्यों आया भाई
लड़का - जी स्कूल के पास लिखा है दुर्घटना से देर भली..... स्कूल पास में है धीरे चलिए
मास्टर - कल क्यों नहीं आया तू?
लड़का - जी वो कल हमारी भैंस ने बच्चा दिया। …
मास्टर - तो इसमें खास बात क्या है?
लड़का - जी आप देके दिखाओ बच्चा
मास्टर - चलो बकवास मत करो सवाल का जवाब दो
              बताओ वास्को डी गामा भारत क्यों आया
एक लड़का - जी घरवाली ने घर से निकाल दिया होगा
मास्टर - चुप शैतान। … अच्छा राजू बताओ पानीपत की लड़ाई किस किस के बीच हुई?
राजू - जी मेरी माँ कहती है दुसरो की लड़ाई में इंटरस्ट नहीं रखना चाहिए
मास्टर - बैठजा आज्ञाकारी
              अच्छा सोनू  बताओ 1869 में क्या हुआ?
सोनू  - जी गांधीजी का जन्म....
मास्टर - वाह… सीखो इससे कुछ..... वेरी गूड सोनू ये बताओ 1873 में क्या हुआ था ?
सोनू - जी गांधी जी 4 साल के हो गए थे
मास्टर - बैठजा तू भी। … अच्छा ये बताओ अगर कोई किसी गधे की पीट रहा है
              और में उसे बचाता हु तो ये मेरी कौनसी क्वालिटी दर्शाता है?
एक लड़का - भाईचारा …
मास्टर - अच्छा अगला सवाल है फिल इन द ब्लैंक्स …
              बताओ शकुंतला ने राजा दुष्यंत पर डेश डेश डेश फेंका
देव  - डंडा ……
मास्टर - अरे बेवकूफ …
देव - तो बेलन फेंका होगा जी
मास्टर - अरे बेवकूफ फूल फेंका
देव - जी मेरी माँ तो बेलन या डंडा ही फेंकती है बापू पे.…

             


Monday, July 21, 2014

तमीज

 होगा तू दानिशमंद बेशक मगर 
औरों को ज़ाहिल समझने की खता न कर
तुझपे है रहमत गर उपरवाले की 
औरों की बेबसी का मजाक न बनाया कर 
दिन भर आग उगलने वाला सूरज भी 
रात के आगोश में गम हो जाता है  
वक़्त हमेशा एक जैसा नहीं रहता 
इसलिए जरा शफाक़त से पेश आया कर 


Saturday, February 22, 2014

मोह्होब्बत

मोह्होब्बत वो नहीं जो हमने अफ़सानो में सुनी थी
मोह्होब्बत ये है जो मैंने तुझसे कि है
मोह्होब्बत वो नहीं जो किताबों में लिखी है
मोह्होब्बत वो है जो मेरे दिल ने इज़ाद कि है

किसी एक के निभाने से निभती गर मोह्होब्बत
तो हर रोज़ कितने ही अफ़साने बिखरते फ़िज़ाओ में
 कुर्बानिया देकर मोह्होब्बत करना पुराने वाकये है
मुझे मेरी मोह्होब्बत से बराबर कि आस है

गर ठुकरा दिया उसने बहुत दूर साथ चलके
मैं रोऊंगा तड़पूँगा लौट आने कि गुज़ारिश करूँगा
गर वो ये ख्वाब सज़ाए बैठे है तो
कहदो उन्हें ये सब उनके खयाली पुलाव है 

Thursday, February 13, 2014

happy kiss day

लबों को छुआ उसने
एहसास अब तक है
आँखे नम हुई
सांसो में आग अब तक है
वक़्त गुजर गया
पर उस लम्हे कि याद ताज़ा है
उस पहले चुम्बन का
बेशकीमती एहसास अब तक है 

Tuesday, February 11, 2014

ख्वाबों कि दुनिया.....

ख्वाबों कि दुनिया इसलिए अज़ीज़ है मुझे
कोई बंदिश नहीं होती कोई उसूल नहीं होता
किसी को भी नज़र या दिल में भरलो
इसकी कायनात में कोई गरीब नहीं होता 

अदा का कायल

उसकी इसी अदा का कायल हूँ मैं
क़त्ल करके भी शुब्हा नहीं होने देते
मसरूफियत कितनी भी रहे ज़िन्दगी में
मेरी दुआ सलाम नज़रअंदाज़ नहीं करते 

Sunday, February 9, 2014

मेरी कामयाबी

 कैसे भुलादूं उनको , जो ठुकरा के आगे बढ़ गए

मेरी कामयाबी में , कुछ तो उनका भी हाथ है। ....

इनायत ए महबूब

है इश्क़ वो इनायत ए महबूब

जो इल्तिज़ा से नहीं खुद बखुद कि जाती है 

इकतरफ़ा दीवानगी

आग दोनों जानिब लगी हो तो मोह्होब्बत है

इकतरफ़ा दीवानगी में क्या रखा है यारों। .... 

नसीहते

वो नसीहते लाजवाब देते है

बेहतर होता खुद भी अमल करते 

छोटी छोटी बातें

बस छोटी छोटी बातें ही फासले बढ़ा देती है 

न जाने दो उन्हें जिनके बिना एक पल भी दूभर लगे। । 


Tuesday, January 28, 2014

दिल का मकान

बस एक हसरत कि, कभी तो मैं भी तुझे याद आऊं

गर न कर सके तो , तू भी मेरे दिल का मकान खाली कर। …। 

Monday, January 27, 2014

फितरत ए इश्क़

है फितरत ए इश्क़ ये,
कह रहा हूँ अपने तजुर्बे से
मुझे है जिससे उसे मुझसे नहीं
जिसे मुझसे है मुझे उससे नहीं। …… 

Tuesday, January 21, 2014

उल्फत या कुछ और

है ये उल्फत या कुछ और
वो आज भी मेरे लिए फिक्रमंद रहते है
जुबान से कुछ नहीं कहते मुझे
लोगो से खैरियत मेरी लिया करते है 

Sunday, January 19, 2014

तेरा नज़रअंदाज़ करना

 तेरा नज़रअंदाज़ करना कितने ख्याल लाता है जेहन में 

कभी मौकापरस्त तो कभी मगरूर तुझे कहता है दिल 

Friday, January 17, 2014

तोहमत

सिवाय तोहमतों के कुछ न हासिल होगा
समझाया था दिल ए नादाँ को
सुनी हो कभी जेहन कि तो सुनता
अब इलज़ाम देता है नसीबां को


दीवानगी

हमें एहसास है कि वो जूठी कसम खा रहे है

दीवानगी देखिये हम फिर भी ऐतबार किये जा रहे है 

Monday, January 13, 2014

झूठी कसम

हमे एहसास है कि वो झूठी कसम उठा रहे है। ।
.
दीवानगी देखिये हम अभी भी ऐतबार किये जा रहे है। ।

अजब फितरत

उनकी फितरत है
हर बात में मेरा मश्विरा लेने कि
पर इन्दियह (राय ) जुदा हो तो
खफा हो जाते है। ....


कुछ एहसास

यूँ तो नहीं कि दिल से तुझे भुला दिया
पर वादा न रुस्वा हो तेरा नाम नहीं लेता
तड़प मुसलसल रहती है दिल में तेरी
पर कुछ एहसास न ही निकले तो बेहतर है। … 

Wednesday, January 8, 2014

किससे रश्क़

बड़े सुलगे हुए रहते वो हरदम। ....
जाने किस बात से खफा है इन दिनों। ।
जाने खुद कि नाकामी से खफा है। …
या किसी के इक़बाल से रश्क़ कर बैठे। …


Monday, January 6, 2014

अक्सर …

अक्सर  … मैं मुज़रिम कहलाता हूँ
क्योकि बेवजह इल्ज़ामों का जवाब नहीं देता।

अक्सर ....  मैं गुस्ताख कहलाता हूँ
क्योकि उल जुलूल लोगो को जवाब नहीं देता।

अक्सर .... मैं दिलचस्प नहीं होता
क्योकि बेवजह लोगो कि तारीफ़ नहीं करता।

अक्सर .... मैं भीड़ में तनहा होता हूँ
क्योकि जिनसे दिल नहीं मिलता, हाथ नहीं मिलाता।

अक्सर.... लोग छोड़ देते है मुझे बिच सफ़र
क्योकि हर बात में उनकी अपने सुर नहीं मिलाता।