Monday, July 27, 2009

तेरे ख्वाब....

होती है जब पास तू ख्वाबों में भी...

जैसे जन्नत मिल जाती है ....

तुझे मुझसे जुदा करने....

जाने क्यों रोज़ सुबह हो जाती है...

जानता हूँ ख्वाब तेरा....

बस एक छलावा है...

पर फ़िर भी तुझे बार बार देखने....

पलकें ख़ुद बखुद जुड़ जाती है.....

Saturday, July 25, 2009

तनहा सफर...

खुश नही होता हूँ मैं आजकल, तुझे खुश देखकर....

जबकि तेरी खुशी में ही मेरी खुशी थी कभी.....

हार जाता हूँ मैं अक्सर आजकल, जहाँ जितने की आदत थी मुझे...

शायद इसलिए की तू जो मेरे साथ नही है....

ज़माना रुसवा हो जाता जो हम मिल जाते....

बस इतनी सी बात ने हमारी राहें बदल दी......

है ये सच की ये फासले मैंने ही पैदा किए है....

पर यूँ अलग अलग राहों पे चलने की हिम्मत न कल थी, न आज भी है...

जख्म....

कभी कभी कुछ बातें गहरे जख्म दे जाती है....

और कभी कभी कुछ बातों से ही जख्म सिल जातें है...

कभी कभी ये जख्म ताउम्र नही सिल पाते...

और कभी जख्म सिल जाते है, पर निशाँ रह जातें है...

बस तू ही...

तू है आस पास हर पल मेरे...

बस खुली आंखों से नज़र नही आती है...

चलता हूँ मैं आखें बंद करके आजकल...

क्यूंकि आँखें खोलते ही तू चली जाती है...

चांदनी रात...

निकला न करो बेपर्दा चांदनी रातों में,

ये चाँद दिलफेंक है, इश्क कर बैठेगा....

खुलेआम कोई आपका दीदार करें...

इस दिल को कैसे गवारा गुजरेगा...

Thursday, July 23, 2009

फलसफा...

बस वो ही फलसफा है मेरी जवानी का....

बस वो ही सबब है मेरी जिंदगानी का....

वो दावा करते है आंखों से दिल का हाल जानने का....

पर सबब नही जानते मेरी आंखों के पानी का....

Tuesday, July 21, 2009

नवजात हसरतें....

तुने देखा बस एक नज़र, हम दिल कुर्बान कर बैठे....

तेरी बे-इरादा मुस्कान पे, क्या क्या गुमान कर बैठे....

बेखबर तेरी आरजू-ऐ-दिल से,

हम गुम अपना ईमान कर बैठे.....

अब खता-ऐ-इश्क जो की है....

जो सज़ा होगी निभाएंगे...

बेखबर तल्खी-ऐ-कायनात से...

हम अपनी नवजात हसरतें जवान कर बैठे.....

Monday, July 20, 2009

बीते लम्हे...

बीते लम्हों की जब याद आती है....

ये पलके ख़ुद बखुद ही भर आती है...

जब भी याद करता हूँ किसी अपने को...

तेरी सूरत ही सामने आ जाती है....

तमाम कोशिशे करके देखली ...

तुझे भुलाने की हमने....

पर जब भी ये पलके जुड़ जाती है....

तू ही सामने आ जाती है....

वादा लिया था तुमने....

की सदा मुस्कुराएंगे हम....

हम भी शिद्दत से वादा निभाना चाहते है पर...

ज्यादा मुस्कुराने की कवायद में भी ये आँखें भर आती है....

इत्तेफकान...

रश्क होता है उसकी किस्मत पे....

जिसे तू इत्तेफाक़न ही मिल गई....

सोचता हूँ मैं बैठके ये ...

मेरी कोशिशों में कहाँ कमी रह गई....

Tuesday, July 14, 2009

गुमान....

लोग कहते है....चलता हूँ मैं आजकल जरा इतराकर...
तुम ही कहो...किसे तुम्हे पाते कर गुमान नही होगा....
हर दिल की ख्वाहिश होती है...एक हसीं हमसफ़र....
पर हर दिलवाला..मुझ जेसा खुशनसीब थोड़े ही होगा....

हबीब.....

वो आए मेरी जिंदगी में....

और यूँ शरीक हो गए....

हबीब थे जो मेरे सरे...

सारे रकीब हो गए....

बे-मक़सद...

बे-मकसद जी रहे थे, तुमसे मिलने से पहले...
बे-आरजू जी रहे थे, तुमसे मिलने से पहले....
अब तो तेरे बिना १-१ साँस दुश्वार हो गई...
जाने केसे सांसे लेते रहे, तुमसे मिलने से पहले....

रूबरू...

गुजरे तेरे साथ चाँद लम्हे...

१ जिंदगी से लगे...

हम जेसे अपनी ख्यालों की...

दुनिया से रूबरू से लगे...

सोचा न था तुझमे ...

इतनी कशिश होगी...

की तेरे बिना ये जिंदगी...

जिंदगी ही न लगे....

मुलाक़ात...

राहत मिलती नही,जब तक आपसे बात नही होती....

ख्वाब तो बहुत होते है,आपके ख्वाब के बिना पूरी रात नही होती....

हसरतें तो बेहताशा है इस दिल में लेकिन....

बेसब्र हूँ मैं हर लम्हा, जब तक आपसे अगली मुलाक़ात नही होती.....

राहत...

राहत मिलती है आपके ख्यालों से दिल को...

सुकून मिलता है आपकी आवाज़ से दिल को...

हम तो यूँ ही रहते है बेहोशी के आलम में....

जिंदगी मिलती है आपकी मौजूदगी से हमको....

आजकल....

हर शख्स में देखता हु आपको आजकल....

हर अक्स में देखता हूँ आपको आजकल....

अक्सर चूम लेता हूँ मैं आइना....

क्यूंकि ख़ुद में भी आपको देखता हूँ आजकल....