Tuesday, April 27, 2010

दिल का हाल...

सोचा न था दिल की ऐसी भी हालत होगी....
किसी अनदेखी अनजानी से दिल को यूँ राहत  होगी...
हम तो समझते थे इन्हें बस किस्से कहानियों की बातें....
क्या खबर थी की एक दिन हमे भी ऐसी हरारत होगी....

Monday, April 26, 2010

वफ़ा...

एक साथ पलकें उठती थी दोनों की, कभी जागने को...
एक साथ पलकें झुकती थी दोनों की, कभी सोने को....
और आज ये आलम है की, उन्हें फुर्सत भी भी नही...
की तफ्तीश भी करले, हमारे जिंदा होने की.....

राहे उल्फत में ही क्यों लोग बिछड़ जातें है.....
जब वक़्त आता है कुछ करने का तो मुकर जातें है....

Sunday, April 18, 2010

ख्वाब...

ख्वाब में ही आजा के, हकीक़त में तो जाने कब मुलाक़ात होगी....


तेरी परछाइयों पे ही मर मिटा हूँ मैं तो....

क्या पता क्या आलम होगा दिल का......जिस दिन तू सच में मेरे साथ होगी...

Monday, April 12, 2010

jaaga soya.....

जग तो गया हूँ पर आँखें अभी भी मुंदी है....
एक हसीं ख्वाब से पलके अभी तक जुडी है.....
काश की मैं आँखें खोलूं और तू सामने हो....
अगर ऐसा न हो पाए तो सुबह ही न हो....

Sunday, April 4, 2010

जख्म

मत छेड़ो दिल के जख्मों को.....
जितना  कुरेदोगे, घाव गहरे होंगे.....
अब तो हालत यह है की...
कोई मरहम भी लगता है तो जख्म हरे हो जाते है....

दीवानगी

उनकी इन्तजार में कितनी सुबहें, शाम हो गई....
जिनके लिए ख़ास थी हमारी हर अदा, आम हो गई...
हम तो उनका जिक्र, खुदसे भी संभल के किया करते है...
और वो कहतें है मैं तेरी दीवानगी के चलते हर जगह बदनाम हो गई...