सोचा न था दिल की ऐसी भी हालत होगी....
किसी अनदेखी अनजानी से दिल को यूँ राहत होगी...
हम तो समझते थे इन्हें बस किस्से कहानियों की बातें....
क्या खबर थी की एक दिन हमे भी ऐसी हरारत होगी....
"Love is the thing which is grace of god, and few peoples gets it... u r the most lucky person if someone loves you, however, this world is full of fake... people are cheating in name of love to each other...." so be careful while you love someone kyunki "pathrili hai ye rah aur chikni bhi, jane koun kab fisal jae aur koun kab jakhmi.... ehtiyat hi hai behtarin nuskha... andhe hoke pyar kiya jaye ye duniya us kabil nahi"
Tuesday, April 27, 2010
Monday, April 26, 2010
वफ़ा...
एक साथ पलकें उठती थी दोनों की, कभी जागने को...
एक साथ पलकें झुकती थी दोनों की, कभी सोने को....
और आज ये आलम है की, उन्हें फुर्सत भी भी नही...
की तफ्तीश भी करले, हमारे जिंदा होने की.....
राहे उल्फत में ही क्यों लोग बिछड़ जातें है.....
जब वक़्त आता है कुछ करने का तो मुकर जातें है....
एक साथ पलकें झुकती थी दोनों की, कभी सोने को....
और आज ये आलम है की, उन्हें फुर्सत भी भी नही...
की तफ्तीश भी करले, हमारे जिंदा होने की.....
राहे उल्फत में ही क्यों लोग बिछड़ जातें है.....
जब वक़्त आता है कुछ करने का तो मुकर जातें है....
Sunday, April 18, 2010
ख्वाब...
ख्वाब में ही आजा के, हकीक़त में तो जाने कब मुलाक़ात होगी....
तेरी परछाइयों पे ही मर मिटा हूँ मैं तो....
क्या पता क्या आलम होगा दिल का......जिस दिन तू सच में मेरे साथ होगी...
तेरी परछाइयों पे ही मर मिटा हूँ मैं तो....
क्या पता क्या आलम होगा दिल का......जिस दिन तू सच में मेरे साथ होगी...
Monday, April 12, 2010
jaaga soya.....
जग तो गया हूँ पर आँखें अभी भी मुंदी है....
एक हसीं ख्वाब से पलके अभी तक जुडी है.....
काश की मैं आँखें खोलूं और तू सामने हो....
अगर ऐसा न हो पाए तो सुबह ही न हो....
एक हसीं ख्वाब से पलके अभी तक जुडी है.....
काश की मैं आँखें खोलूं और तू सामने हो....
अगर ऐसा न हो पाए तो सुबह ही न हो....
Sunday, April 4, 2010
जख्म
मत छेड़ो दिल के जख्मों को.....
जितना कुरेदोगे, घाव गहरे होंगे.....
अब तो हालत यह है की...
कोई मरहम भी लगता है तो जख्म हरे हो जाते है....
जितना कुरेदोगे, घाव गहरे होंगे.....
अब तो हालत यह है की...
कोई मरहम भी लगता है तो जख्म हरे हो जाते है....
दीवानगी
उनकी इन्तजार में कितनी सुबहें, शाम हो गई....
जिनके लिए ख़ास थी हमारी हर अदा, आम हो गई...
हम तो उनका जिक्र, खुदसे भी संभल के किया करते है...
और वो कहतें है मैं तेरी दीवानगी के चलते हर जगह बदनाम हो गई...
जिनके लिए ख़ास थी हमारी हर अदा, आम हो गई...
हम तो उनका जिक्र, खुदसे भी संभल के किया करते है...
और वो कहतें है मैं तेरी दीवानगी के चलते हर जगह बदनाम हो गई...
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