Sunday, August 31, 2008

बेबसी....

सोचता हूँ की न सोचूं तेरे बारे में...

पर हर सोच तुझ पे ही आके रुक जाती है...

जानता हूँ की अब तेरा कोई वास्ता नही मेरी सोच से...

फ़िर भी मेरी तस्सवुर से तू नही जाती है...

प्यार करो लेकिन एक हद में रहकर...

हर किसी से मुझे ये ताकीद अक्सर मिल जाती है .....

पर दीवानगी किस हद पे जाके जूनून बन जाती है ....

मुझ कमसमझ को ये भी तो नही समझ आती है ....

गिला था कभी तुम्हे...

की आपको तो हमारी याद भी नही आती है.....

और आज आपकी हसरत है की हम आपको भूल जायें...

जबकि ख़ुद किसी बहाने से जेहन में चली आती हैं...

अरमानों को कुचल के अपने...

किसी की खुशी के खातिर मुस्कुराना...

दिल में लेके दर्द के तराने...पर महफ़िल में खुशनुमा गीत गाना...

शायद यही वो हालात है जिंदगी के...जो बेबसी कहलाती है....

Friday, August 8, 2008

प्यार....

सच है प्यार सब कुछ सिखा देता है...

मौत से डरना....जिन्दगी से प्यार करना सिखा देता है...

हम तो चाहते थे हर कदम पर वफ़ा ही करना...

पर ये प्यार ही किसी कदम पे बेवफा भी बना देता है...

Sunday, August 3, 2008

ख्याल....

मसरूफ हो आप दुनियादारी में....

की आपको तो चाहता सारा जमाना है....

पर वो दिल केसे भुला दे आपको....

जिसका हर ख़याल आप हो....

मेरी मुस्कान देख के समझे तुम...

की बहुत खुश-मिजाज हो गया मैं इन दिनों...पर....

पलक नही भिगोते हम....

की कहीं आप न भीग जाओ...

दोस्ती....

दोस्ती...किसी के लिए रिश्ता भर है....
तो किसी के लिए पुरी जिंदगानी...
किसी से इतेफाकान हो जाती है...
तो किसी से इरादतन की जाती है...
करो जो दोस्ती तो जान दे के भी निभाना...
हमारी तो बस इतनी कहानी है...
रहें भले ही मीलों के फासले दरमियाँ...
पर दिलों में न दूरियां आनी है.....

Friday, August 1, 2008

तुमसे दूरी...

जीना तेरे बिना दर्द है, बेमानी है....


तुझसे दुरी एक पल की भी बदनसीबी की निशानी है...


खफा भी हो तो कभी २ पल से ज्यादा न होना....


आख़िर तेरी चाहत ही तो मेरी जिंदगानी ...


तुमसे दूर होता हूँ तो...

तो खामोशी मेरी फितरत हो जाती है....

हर किसी सूरत में ....

तुझे तलाशना मेरी फितरत हो जाती है...

हर हरक़त पे चौंकना...

और फ़िर दिल को समझाना मेरी फितरत हो जाती है...

किस तरह बयां करूँ की...

तुम बिन जिन्दगी कितनी बदहाल नज़र आती है....