Sunday, August 3, 2008

दोस्ती....

दोस्ती...किसी के लिए रिश्ता भर है....
तो किसी के लिए पुरी जिंदगानी...
किसी से इतेफाकान हो जाती है...
तो किसी से इरादतन की जाती है...
करो जो दोस्ती तो जान दे के भी निभाना...
हमारी तो बस इतनी कहानी है...
रहें भले ही मीलों के फासले दरमियाँ...
पर दिलों में न दूरियां आनी है.....

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