Friday, May 14, 2010

साथ साथ....

रखता हूँ सबसे छुपा के तुम्हे....
तुम दिल मे समाये हो...
बस गिला इतना ही है तुमसे...
पलके जुडी रहती है तो नजर आती हो...खोलते ही चली जाती हो..

हर शख्स में ढूंढ़ता हु तुझे...
हर अक्स में पाता हूँ तुझे....
याद नही आता इतनी शिद्दत से चाहना किसी को...
मेरे हर लम्हे में सोचने लगा हूँ तुझे.....

चल पलके बंद कर लेते हैं....
ख्वाब में मिलने के साथ....
हकीकत में तो क्या पता... ये दुनिया मिलने दे या न दे....
पर ख्वाबों में तो रह सकतें है साथ साथ....

Thursday, May 6, 2010

तुमसे मिलना...

खो सा गया हूँ, जबसे तुमसे मिला हूँ...
हर पल तुझे सोचता हु, जबसे तुमसे  मिला हूँ...
सोचता हूँ की एसा क्या हुआ, की में एसा हो गया हूँ....
पर सच ये भी है की जीने लगा हूँ जबसे तुमसे मिला हूँ....

तुम...

है रात गर चांदनी तो चाँद तुम हो...
जो हसरत बाकि दिल की वो हसरत तुम हो....
तनहा हो या महफ़िल में, ख्यालों में तुम हो....
लोग दीवाना कहने लगे है मुझे, मुझे जिसकी दीवानगी है वो तुम हो...

Sunday, May 2, 2010

खुमार.....

सुबह से शाम तक इन्तजार रहता है.....
यह दिल हर लम्हा बेकरार रहता है....
जनता हूँ तू मंजिल क्या हमराह भी नही मेरा....
फिर भी हर लम्हा तेरा ही खुमार रहता है......