तेरे लिए कुछ भी कर जाऊं वोह कम है....
तेरी एक मुस्कान के लिए जो भी कीमत चुकाऊं कम है.....
एक जनम में क्या होगा तेरा साथ पाके....
तेरे साथ सात सौ जनम भी भी पाऊं तो कम है.....
"Love is the thing which is grace of god, and few peoples gets it... u r the most lucky person if someone loves you, however, this world is full of fake... people are cheating in name of love to each other...." so be careful while you love someone kyunki "pathrili hai ye rah aur chikni bhi, jane koun kab fisal jae aur koun kab jakhmi.... ehtiyat hi hai behtarin nuskha... andhe hoke pyar kiya jaye ye duniya us kabil nahi"
तेरे लिए कुछ भी कर जाऊं वोह कम है....
तेरी एक मुस्कान के लिए जो भी कीमत चुकाऊं कम है.....
एक जनम में क्या होगा तेरा साथ पाके....
तेरे साथ सात सौ जनम भी भी पाऊं तो कम है.....
आजकल कुछ बन सँवारने लगे है.....
जबसे एहसास हुआ है की वो देखते है हमे.....
आइना भी हैरान है हमसे.....
की अचानक कुछ वक्त देने लगे है उसे.....
हो जाते हो खफा तुम तो, बोझिल सी हो जाती है जिंदगी...
पास होते हो तुम तो खिल सी जाती है ज़िन्दगी...
लोग कहते है, मैं उदास होके अच्छा नही लगता....
पर तेरी नाराजगी को भी तो पचा नही पाती जिंदगी....
शिरकत से तेरी, कुछ पल महफ़िल बन जाती है ज़िन्दगी...
वरना तो विराना, चहलकदमी करता है यहाँ.....
दो पल की गुफ्तगू भी तुझसे, दिल बहला देती है.....
वरना ग़मों की शाम, ही नही ढलती यहाँ....
तेरा ख़त इस बात की गवाही है....
की तुझे मेरी याद तो है.....
लगा जैसे की तुझे एहसास तो है...
की तेरे बिना आज भी कोई बरबाद है....
मेरी निगाहों में आज भी तेरी ही सूरत है...
मेरे दिल में आज भी तेरे लिए वो ही सीरत है....
भले ही तू दूर हो गई हो मुझसे...
लेकिन मुझे आज भी तेरी आदत है....
जी रहा हूँ उसी लम्हे में....
जिसमे तुमने मुझे छोड़ा था....
लोग कहते है वो गुजर गया.....
हमे यकीं है ये तुम्हारी शरारत है....
तेरे साथ गुजरा हर पल....
चाहता हूँ एक बार फ़िर उन्हें जिलूं....
कर न सकूँ गर ऐसा तो उसे....
चाहता हूँ की अपनी अमानत-ऐ-हयात बनालू...
मिले आज फ़िर तुमसे तो.....
अतीत का एक पन्ना जैसे फ़िर खुल गया....
लगा की जैसे जो कहीं छुट गया था मुझसे.....
आज मुझे फ़िर से मिल गया.....
ख़ुद के लिए मौत भी मांगो तो नही मिलती.....
लोग कहते है...उन्हें हमारी दुआओं से जिंदगी मिली है....
होती है जब पास तू ख्वाबों में भी...
जैसे जन्नत मिल जाती है ....
तुझे मुझसे जुदा करने....
जाने क्यों रोज़ सुबह हो जाती है...
जानता हूँ ख्वाब तेरा....
बस एक छलावा है...
पर फ़िर भी तुझे बार बार देखने....
पलकें ख़ुद बखुद जुड़ जाती है.....
खुश नही होता हूँ मैं आजकल, तुझे खुश देखकर....
जबकि तेरी खुशी में ही मेरी खुशी थी कभी.....
हार जाता हूँ मैं अक्सर आजकल, जहाँ जितने की आदत थी मुझे...
शायद इसलिए की तू जो मेरे साथ नही है....
ज़माना रुसवा हो जाता जो हम मिल जाते....
बस इतनी सी बात ने हमारी राहें बदल दी......
है ये सच की ये फासले मैंने ही पैदा किए है....
पर यूँ अलग अलग राहों पे चलने की हिम्मत न कल थी, न आज भी है...
कभी कभी कुछ बातें गहरे जख्म दे जाती है....
और कभी कभी कुछ बातों से ही जख्म सिल जातें है...
कभी कभी ये जख्म ताउम्र नही सिल पाते...
और कभी जख्म सिल जाते है, पर निशाँ रह जातें है...
तू है आस पास हर पल मेरे...
बस खुली आंखों से नज़र नही आती है...
चलता हूँ मैं आखें बंद करके आजकल...
क्यूंकि आँखें खोलते ही तू चली जाती है...
निकला न करो बेपर्दा चांदनी रातों में,
ये चाँद दिलफेंक है, इश्क कर बैठेगा....
खुलेआम कोई आपका दीदार करें...
इस दिल को कैसे गवारा गुजरेगा...
बस वो ही फलसफा है मेरी जवानी का....
बस वो ही सबब है मेरी जिंदगानी का....
वो दावा करते है आंखों से दिल का हाल जानने का....
पर सबब नही जानते मेरी आंखों के पानी का....
तुने देखा बस एक नज़र, हम दिल कुर्बान कर बैठे....
तेरी बे-इरादा मुस्कान पे, क्या क्या गुमान कर बैठे....
बेखबर तेरी आरजू-ऐ-दिल से,
हम गुम अपना ईमान कर बैठे.....
अब खता-ऐ-इश्क जो की है....
जो सज़ा होगी निभाएंगे...
बेखबर तल्खी-ऐ-कायनात से...
हम अपनी नवजात हसरतें जवान कर बैठे.....
बीते लम्हों की जब याद आती है....
ये पलके ख़ुद बखुद ही भर आती है...
जब भी याद करता हूँ किसी अपने को...
तेरी सूरत ही सामने आ जाती है....
तमाम कोशिशे करके देखली ...
तुझे भुलाने की हमने....
पर जब भी ये पलके जुड़ जाती है....
तू ही सामने आ जाती है....
वादा लिया था तुमने....
की सदा मुस्कुराएंगे हम....
हम भी शिद्दत से वादा निभाना चाहते है पर...
ज्यादा मुस्कुराने की कवायद में भी ये आँखें भर आती है....
रश्क होता है उसकी किस्मत पे....
जिसे तू इत्तेफाक़न ही मिल गई....
सोचता हूँ मैं बैठके ये ...
मेरी कोशिशों में कहाँ कमी रह गई....
गुजरे तेरे साथ चाँद लम्हे...
१ जिंदगी से लगे...
हम जेसे अपनी ख्यालों की...
दुनिया से रूबरू से लगे...
सोचा न था तुझमे ...
इतनी कशिश होगी...
की तेरे बिना ये जिंदगी...
जिंदगी ही न लगे....
राहत मिलती नही,जब तक आपसे बात नही होती....
ख्वाब तो बहुत होते है,आपके ख्वाब के बिना पूरी रात नही होती....
हसरतें तो बेहताशा है इस दिल में लेकिन....
बेसब्र हूँ मैं हर लम्हा, जब तक आपसे अगली मुलाक़ात नही होती.....
राहत मिलती है आपके ख्यालों से दिल को...
सुकून मिलता है आपकी आवाज़ से दिल को...
हम तो यूँ ही रहते है बेहोशी के आलम में....
जिंदगी मिलती है आपकी मौजूदगी से हमको....
हर शख्स में देखता हु आपको आजकल....
हर अक्स में देखता हूँ आपको आजकल....
अक्सर चूम लेता हूँ मैं आइना....
क्यूंकि ख़ुद में भी आपको देखता हूँ आजकल....
खुदगर्ज़ तो न था मैं.....
पर हालात ने मुझे खुदगर्ज़ साबित कर दिया....
जिस पल को कभी ख्वाब में भी न सोचा था....
जिंदगी ने उस पल को हर पल का सच बना दिया....
काश की बातों से दिल के जख्म सिल पाते....
काश की दुनिया मे सब चाहने वाले मिल पाते....
फ़िर यूँ न होती ये दुश्वारियां-ऐ-मोहब्बत....
पर सोचो क्या फ़िर इश्क में यूँ रोमान्चियत पाते.....
हैं खामोश तो यूँ न समझ की दिल में कोई बात नहीं....
कर रहे हैं मुस्कुरा के बात तो यूँ न समझ दिल में कोई जज्बात नहीं....
तेरी फुरकत किस तरह सह पाएंगे, इसी ख़याल से जान जाने को है......
लबों से कुछ न कह पाए तो यूँ न समझ, की हमे तेरा अंदाज-ऐ-हालात नही...
रह-ऐ-हयात मे कुछ ऐसे भी मोड़ आते है....
जिसके बारे मे कभी सोचा भी नही था....उनके बिना एक पल भी नही सुकून पाते है...
अक्सर किस्मत ऐसे इम्तिहान लेती है....
जिनके न जाने की दुआ करते है.....वो ही सबसे पहले दूर जाके जलाते है.....
एक अरसे से जिस अक्स की सूरत बनाता रहा....
खुदा की रहमत ने वो काम कर दिया....
यह उनकी फराख्त दिली का की सुबूत है...
की उन्होंने ख़ुद को बेनकाब कर लिया....
यूँ ही बस तुझे जानने की चाहत में तेरे इतने करीब आ गए....
की अब तुझसे दूरी का ख्याल भी जानलेवा लगता है....
मुक्क़दर से मिलता है तुझ जैसा हमसफ़र....
हर किसी की किस्मत में ऐसा हमसफ़र कहाँ होता है....