Wednesday, December 30, 2009

तेरी मुस्कान....

तेरे लिए कुछ भी कर जाऊं वोह कम है....

तेरी एक मुस्कान के लिए जो भी कीमत चुकाऊं कम है.....

एक जनम में क्या होगा तेरा साथ पाके....

तेरे साथ सात सौ जनम भी भी पाऊं तो कम है.....

Thursday, December 17, 2009

हैरान है आइना....

आजकल कुछ बन सँवारने लगे है.....

जबसे एहसास हुआ है की वो देखते है हमे.....

आइना भी हैरान है हमसे.....

की अचानक कुछ वक्त देने लगे है उसे.....

Friday, December 11, 2009

तेरे बिना....

हो जाते हो खफा तुम तो, बोझिल सी हो जाती है जिंदगी...

पास होते हो तुम तो खिल सी जाती है ज़िन्दगी...

लोग कहते है, मैं उदास होके अच्छा नही लगता....

पर तेरी नाराजगी को भी तो पचा नही पाती जिंदगी....

Thursday, December 10, 2009

तेरे हुबहू....

है दूर तू, पर दिल के करीब उतनी ही.....
साथ न होके भी, है तू मुझमे ही कहीं...
लोग कहते है, मैं बदल सा गया हु तुझसे मिलके....
मेरी सूरत मिलने लगी है , हुबहू तुझमे ही.....

Tuesday, December 1, 2009

इश्क जूनून...

है इश्क वो खलल, जो दीवाना बना देता है....
वो पास रहते है तो सालो-साल का भी पता नही चलता....
और उनकी दूरी का ख्याल भी दिल को हिला देता है......

Friday, November 13, 2009

पिछली रात...

यूँ काटी है पिछली रात...
जैसे एक उम्र काटी है....
हर पल में बस ये ही गिना....
तेरी अगली झलक में कितने पल बाकी है.....

Tuesday, September 15, 2009

महफ़िल....

शिरकत से तेरी, कुछ पल महफ़िल बन जाती है ज़िन्दगी...

वरना तो विराना, चहलकदमी करता है यहाँ.....

दो पल की गुफ्तगू भी तुझसे, दिल बहला देती है.....

वरना ग़मों की शाम, ही नही ढलती यहाँ....

Wednesday, September 2, 2009

तेरी आदत.....

तेरा ख़त इस बात की गवाही है....

की तुझे मेरी याद तो है.....

लगा जैसे की तुझे एहसास तो है...

की तेरे बिना आज भी कोई बरबाद है....


मेरी निगाहों में आज भी तेरी ही सूरत है...

मेरे दिल में आज भी तेरे लिए वो ही सीरत है....

भले ही तू दूर हो गई हो मुझसे...

लेकिन मुझे आज भी तेरी आदत है....


जी रहा हूँ उसी लम्हे में....

जिसमे तुमने मुझे छोड़ा था....

लोग कहते है वो गुजर गया.....

हमे यकीं है ये तुम्हारी शरारत है....

Thursday, August 27, 2009

हाल-ऐ-आइना....

हैरान है वो मुझे देखकर....
गोया की मैं मिला ही न हूँ कभी ....
औरों को क्या तोहमत दूँ मैं....
जब ये हाल-ऐ-आइना है.....

जाने कहाँ खो गई...
जो निशानियाँ थी मेरी....
वोह मुस्कुराता चेहरा.....
जैसे अब कहीं ना है....

Tuesday, August 25, 2009

कहते है इश्क जिसे...

मुक़्क़दस-ऐ-अजीम है जो...
हौसला है ख़ुद में जो....
जिसने दिल से लगाया इसे...
वोह मर के भी दिलों में रहता है....

है बेपनाह दर्द है इसमें...
पर न कोई जिसकी दवा है...
कहते है इश्क जिसको....
लोग कहतें है हमे हुआ है....

इत्मिनान नही मिलता तब तक...
जब तक दीदार न हो उनका...
ये सब कहने की बातें है यारो...
उनकी सूरत से कब दिल भरा है...

Friday, August 14, 2009

अमानत....

तेरे साथ गुजरा हर पल....

चाहता हूँ एक बार फ़िर उन्हें जिलूं....

कर न सकूँ गर ऐसा तो उसे....

चाहता हूँ की अपनी अमानत-ऐ-हयात बनालू...

अतीत.....

मिले आज फ़िर तुमसे तो.....

अतीत का एक पन्ना जैसे फ़िर खुल गया....

लगा की जैसे जो कहीं छुट गया था मुझसे.....

आज मुझे फ़िर से मिल गया.....

दुआ....

ख़ुद के लिए मौत भी मांगो तो नही मिलती.....

लोग कहते है...उन्हें हमारी दुआओं से जिंदगी मिली है....

Monday, July 27, 2009

तेरे ख्वाब....

होती है जब पास तू ख्वाबों में भी...

जैसे जन्नत मिल जाती है ....

तुझे मुझसे जुदा करने....

जाने क्यों रोज़ सुबह हो जाती है...

जानता हूँ ख्वाब तेरा....

बस एक छलावा है...

पर फ़िर भी तुझे बार बार देखने....

पलकें ख़ुद बखुद जुड़ जाती है.....

Saturday, July 25, 2009

तनहा सफर...

खुश नही होता हूँ मैं आजकल, तुझे खुश देखकर....

जबकि तेरी खुशी में ही मेरी खुशी थी कभी.....

हार जाता हूँ मैं अक्सर आजकल, जहाँ जितने की आदत थी मुझे...

शायद इसलिए की तू जो मेरे साथ नही है....

ज़माना रुसवा हो जाता जो हम मिल जाते....

बस इतनी सी बात ने हमारी राहें बदल दी......

है ये सच की ये फासले मैंने ही पैदा किए है....

पर यूँ अलग अलग राहों पे चलने की हिम्मत न कल थी, न आज भी है...

जख्म....

कभी कभी कुछ बातें गहरे जख्म दे जाती है....

और कभी कभी कुछ बातों से ही जख्म सिल जातें है...

कभी कभी ये जख्म ताउम्र नही सिल पाते...

और कभी जख्म सिल जाते है, पर निशाँ रह जातें है...

बस तू ही...

तू है आस पास हर पल मेरे...

बस खुली आंखों से नज़र नही आती है...

चलता हूँ मैं आखें बंद करके आजकल...

क्यूंकि आँखें खोलते ही तू चली जाती है...

चांदनी रात...

निकला न करो बेपर्दा चांदनी रातों में,

ये चाँद दिलफेंक है, इश्क कर बैठेगा....

खुलेआम कोई आपका दीदार करें...

इस दिल को कैसे गवारा गुजरेगा...

Thursday, July 23, 2009

फलसफा...

बस वो ही फलसफा है मेरी जवानी का....

बस वो ही सबब है मेरी जिंदगानी का....

वो दावा करते है आंखों से दिल का हाल जानने का....

पर सबब नही जानते मेरी आंखों के पानी का....

Tuesday, July 21, 2009

नवजात हसरतें....

तुने देखा बस एक नज़र, हम दिल कुर्बान कर बैठे....

तेरी बे-इरादा मुस्कान पे, क्या क्या गुमान कर बैठे....

बेखबर तेरी आरजू-ऐ-दिल से,

हम गुम अपना ईमान कर बैठे.....

अब खता-ऐ-इश्क जो की है....

जो सज़ा होगी निभाएंगे...

बेखबर तल्खी-ऐ-कायनात से...

हम अपनी नवजात हसरतें जवान कर बैठे.....

Monday, July 20, 2009

बीते लम्हे...

बीते लम्हों की जब याद आती है....

ये पलके ख़ुद बखुद ही भर आती है...

जब भी याद करता हूँ किसी अपने को...

तेरी सूरत ही सामने आ जाती है....

तमाम कोशिशे करके देखली ...

तुझे भुलाने की हमने....

पर जब भी ये पलके जुड़ जाती है....

तू ही सामने आ जाती है....

वादा लिया था तुमने....

की सदा मुस्कुराएंगे हम....

हम भी शिद्दत से वादा निभाना चाहते है पर...

ज्यादा मुस्कुराने की कवायद में भी ये आँखें भर आती है....

इत्तेफकान...

रश्क होता है उसकी किस्मत पे....

जिसे तू इत्तेफाक़न ही मिल गई....

सोचता हूँ मैं बैठके ये ...

मेरी कोशिशों में कहाँ कमी रह गई....

Tuesday, July 14, 2009

गुमान....

लोग कहते है....चलता हूँ मैं आजकल जरा इतराकर...
तुम ही कहो...किसे तुम्हे पाते कर गुमान नही होगा....
हर दिल की ख्वाहिश होती है...एक हसीं हमसफ़र....
पर हर दिलवाला..मुझ जेसा खुशनसीब थोड़े ही होगा....

हबीब.....

वो आए मेरी जिंदगी में....

और यूँ शरीक हो गए....

हबीब थे जो मेरे सरे...

सारे रकीब हो गए....

बे-मक़सद...

बे-मकसद जी रहे थे, तुमसे मिलने से पहले...
बे-आरजू जी रहे थे, तुमसे मिलने से पहले....
अब तो तेरे बिना १-१ साँस दुश्वार हो गई...
जाने केसे सांसे लेते रहे, तुमसे मिलने से पहले....

रूबरू...

गुजरे तेरे साथ चाँद लम्हे...

१ जिंदगी से लगे...

हम जेसे अपनी ख्यालों की...

दुनिया से रूबरू से लगे...

सोचा न था तुझमे ...

इतनी कशिश होगी...

की तेरे बिना ये जिंदगी...

जिंदगी ही न लगे....

मुलाक़ात...

राहत मिलती नही,जब तक आपसे बात नही होती....

ख्वाब तो बहुत होते है,आपके ख्वाब के बिना पूरी रात नही होती....

हसरतें तो बेहताशा है इस दिल में लेकिन....

बेसब्र हूँ मैं हर लम्हा, जब तक आपसे अगली मुलाक़ात नही होती.....

राहत...

राहत मिलती है आपके ख्यालों से दिल को...

सुकून मिलता है आपकी आवाज़ से दिल को...

हम तो यूँ ही रहते है बेहोशी के आलम में....

जिंदगी मिलती है आपकी मौजूदगी से हमको....

आजकल....

हर शख्स में देखता हु आपको आजकल....

हर अक्स में देखता हूँ आपको आजकल....

अक्सर चूम लेता हूँ मैं आइना....

क्यूंकि ख़ुद में भी आपको देखता हूँ आजकल....

Saturday, June 6, 2009

हाल-ऐ-दिल...

राज़ दुनिया से छुपा न सके....
जिसे बताना था बस उसे बता न सके...
हम बस सोचते रहे हाल-ऐ-दिल जताने की तरकीबें...
ता-उम्र हाल-ऐ-दिल जता न सके....

Friday, May 29, 2009

इन्तजार....

पलकों की चिलमन में आज भी उनका बसेरा है...
वो कहते है किसी और का हो चुका तू...
हम कहते है ये 'दिल' सदा से बस तेरा है....
मेरे वादे पे अब उनका ऐतबार न रहा....
जाने हमने क्या वो गुनाह कर दिया...
भले ही अब उनकी नज़रों में मेरी वो तस्वीर न रही....
पर फ़िर भी यकीं है...की उन्हें आज भी इन्तजार सिर्फ़ और सिर्फ़ मेरा है....

Wednesday, May 27, 2009

सच.....

खुदगर्ज़ तो न था मैं.....

पर हालात ने मुझे खुदगर्ज़ साबित कर दिया....

जिस पल को कभी ख्वाब में भी न सोचा था....

जिंदगी ने उस पल को हर पल का सच बना दिया....

काश...

काश की बातों से दिल के जख्म सिल पाते....

काश की दुनिया मे सब चाहने वाले मिल पाते....

फ़िर यूँ न होती ये दुश्वारियां-ऐ-मोहब्बत....

पर सोचो क्या फ़िर इश्क में यूँ रोमान्चियत पाते.....

Friday, May 22, 2009

यु न समझ....

हैं खामोश तो यूँ न समझ की दिल में कोई बात नहीं....

कर रहे हैं मुस्कुरा के बात तो यूँ न समझ दिल में कोई जज्बात नहीं....

तेरी फुरकत किस तरह सह पाएंगे, इसी ख़याल से जान जाने को है......

लबों से कुछ न कह पाए तो यूँ न समझ, की हमे तेरा अंदाज-ऐ-हालात नही...

रह-ऐ-हयात मे कुछ ऐसे भी मोड़ आते है....

जिसके बारे मे कभी सोचा भी नही था....उनके बिना एक पल भी नही सुकून पाते है...

अक्सर किस्मत ऐसे इम्तिहान लेती है....

जिनके न जाने की दुआ करते है.....वो ही सबसे पहले दूर जाके जलाते है.....

Saturday, May 16, 2009

गुफ्तगू....

अरमानों ने तो अपने परवाज़ फैलाये....
पर हम ही अपनी मुट्ठी न खोल पाए.....
पैमानों ने तो भरसक कोशिश की छलक जाने की....
पर हम ही अपने लब न खोल पाए....

बहुत कोशिश की तुने अपने जज्बात जताने की....
पर हम ही नासमझ थे..जो न समझ पाए...
हर बात को तेरे अल्फाजों में सुनने की आरजू में उम्र निकाल दी....
पर प्यार में खामोशी भी गुफ्तगू होती है...न समझ पाए....

Friday, May 1, 2009

कसक.....

है गर ज़िन्दगी कहीं, तो वोह सिर्फ़ तेरे पास है....
तुझसे दुरी की तस्सव्वुर भी कर देती मुझे उदास है...
है बस कसक यही की, काश हम बहुत पहले मिले होते...
क्यूंकि तुझसे मिलने से पहले की मेरी हर कहानी बकवास है....

यूँ नही है की पहले मैं इस "कशिश" से नावाकिफ था...
पर तेरी कशिश के आगे वो कशिश बस कयास है....
हर किसी को होती होगी आशिकी इस कायनात में.....
पर यकीं कर मेरी आशिकी अपने आप में ख़ास है...

Friday, April 17, 2009

उल्फत...

एक अरसे से जिस अक्स की सूरत बनाता रहा....

खुदा की रहमत ने वो काम कर दिया....

यह उनकी फराख्त दिली का की सुबूत है...

की उन्होंने ख़ुद को बेनकाब कर लिया....

Wednesday, March 18, 2009

हमसफ़र.....

यूँ ही बस तुझे जानने की चाहत में तेरे इतने करीब आ गए....

की अब तुझसे दूरी का ख्याल भी जानलेवा लगता है....

मुक्क़दर से मिलता है तुझ जैसा हमसफ़र....

हर किसी की किस्मत में ऐसा हमसफ़र कहाँ होता है....