मुक़्क़दस-ऐ-अजीम है जो...
हौसला है ख़ुद में जो....
जिसने दिल से लगाया इसे...
वोह मर के भी दिलों में रहता है....
है बेपनाह दर्द है इसमें...
पर न कोई जिसकी दवा है...
कहते है इश्क जिसको....
लोग कहतें है हमे हुआ है....
इत्मिनान नही मिलता तब तक...
जब तक दीदार न हो उनका...
ये सब कहने की बातें है यारो...
उनकी सूरत से कब दिल भरा है...
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