Friday, February 19, 2010

ख़ामोशी...

वो कहतें रहे , प्यार लफ्जों का मोहताज नही होता.....

और हम इकरार उनके लबों से सुनने की हसरत में रहे....

पर वोह ख़ामोशी से जो बात कह गए....

हम ताउम्र भी वोह बात अपने लबों से न कह पाए....

जो एक जर्रा-ऐ-लम्हा में वो कर गए.....

हम तमाम कोशिशों के बावजूद भी न कर पाए.....


Thursday, February 18, 2010

आपकी दुआ..

ये तो दुआ है लोगों की , की साँसे आ जा रही है....

वरना उसने तो कोई कसर नहीं रखी है....

लोग कहते है ज़िंदा हूँ मैं....

पर हकीक़त तो यह है की जान तो उनमें ही अटक रखी है...

Friday, February 12, 2010

जुस्तजू.....

एक जुस्तजू थी की कुछ तो नया करूँ मैं...
पर जिंदगी की आपाधापी में जाने वो कहाँ सो गयी.....
मिला जो तुमसे तो वो फिर से करवट लेने लगी है....
और फिर से एक बार मैने उसे जीने की ठानी है....
और इस बार मैं उसे सोने नही दूंगा.....
ये मेरा वादा है तुमसे मेरी "प्रेरणा".....