Thursday, January 31, 2013

इंसानियत....

इंसानियत दूसरों में भी ढूंढ़ेगे बेशक ...

पहले खुदमें इंसान की मौजूदगी तो तस्लीम करलें .....

दस्तूर-e-मोह्होब्बत....

अजब से दस्तूर है उनकी मोह्होब्बत का यारों ....

खता कोई भी करे सजा हमे ही मंसूब होती है ....

Tuesday, January 29, 2013

तल्ख़ अल्फाज़...


उसके तीखे तेवरों से ज्यादा उसके तल्ख़ अल्फाज़ चुभे ....
हम मोहोब्बत में आजमाइशों के कैसे कैसे दौर से गुजरे ....


लगादी तोहमत उसने मेरी वफ़ा , मेरे ज़मीर पर ...
उसकी दीवानगी में देखो कितने बेगैरत हो गए ....


देख के भी उसने मुझे  कई दफा अनदेखा किया ....
अपनी गैरत को गिरवी रख, फिर भी रहे राहों में खड़े ....

हमे थी चाह बस सोहबत की उसकी ...
जाने कैसे उसे मेरी आँखों में हवस के डोरे दिखे ....

लुट के जार जार भी , न वफ़ा साबित कर सके ...
जाने किस मिटटी के वो ,जाने किस मिटटी के हम बने ....




Sunday, January 27, 2013

चश्म-ए-तर का बरसना

उसके दीदार भर से छलक जाती है आँखे ख़ुशी से ...

उसका मुझसे यूँ लिपटना , चश्म-ए-तर का बरसना लाज़मी था ...

फासला ए कदम ....

तड़प तेरे मिलने की ...
बेंतेहा हो गई सनम ...
मीलों का लगता है ...
हर फासला ए कदम ....

इश्क जता नहीं पाते ....

ऐसे भी लोग होते है ज़माने में मुझ जैसे ...

इश्क तो करते है पर जता नहीं पाते ....

लूट ले मुझे ....

मेरी दौलत है तेरी मोह्होब्बत ....

जितना जी चाहे लूट ले मुझे ....

तेरा नशा

मयखानों से दोस्ती है मेरी ...
पर मैं पीता नहीं ...
जिसे नशा हो तेरा ए सनम ...
उसे ये 'मय' क्या झूमा पायेगी ....

दुश्वारियां

बड़ी दुश्वारियां है इस इश्क में ...

फिर भी जान के अनजान बनते है लोग ....

यादें

ये यादें कब मेरी मसरूफियत से इत्तेफाक रखती है ...

तभी आती है जब इन्हें आना होता है ....

Saturday, January 12, 2013

aakrosh

har taraf aakrosh ki aag...
fir bhi befikra matwali sarkar...
yakin hai unhe humari fitrat par..
ki bhulne me lagte hume din char...
.
buland housle gunahgaro ke....
ghumte khule sang hathiyaro ke....
milti shah jab netaon ki to...
kaise mukti mile in sharmsaron se....
.
bade bade bhashan dilwalo...
chahe jitne ghotale karwalo...
nasihate inse dilwalo.
sansad me porn dikhwalo..
bematlab ki tippaniya karwalo...
bus jalwalo hadtalen karwalo....
aaye baat qurbani dene ki jab...
ghar me dubak ke inse bithwalo...

तू आई और चल दी ....

एक एक लम्हा तेरी जुदाई का ....
कटता है जैसे एक ज़िन्दगी ...
तुझे जी भर के देख भी नहीं पाता ...
तू आई और चल दी ....

Monday, January 7, 2013

Aagaz Karte hai...

dour hai wo jise 'kalyug' kahte hai....
zute lagate kahkahe, sache gumnam
siskte hai...
ek to pahle hi sab sahme hai...sach bol
nahi pate..
jo bolta bhi hai uspe kuchakron ke
'bill' fat'te hai....
.
'satymev jayte' ab bhi badastoor
sikhaya jata hai..
par aksar sach ke sathi bhi asatya
walon se darte hai...
julm hota kisi pe to sahanubhuti sab
rakhte hai...
awaj uthane ko lekin julm ke khud par
hone ka 'wait' karte hai...
.
khoulta hai khoon jiska akele hi ja
bhidte hai....
karwan ke aane tak wo kaha rukte
hai...
har aagaz hota hai 'shunya' se ye
haqiqat janlo....
nare lagane ke bajaye chalo kranti ka
aagaz karte hai....

Saturday, January 5, 2013

अजीब सी फितरत

अजीब सी फितरत है मेरे दिल की ...

जो तोड़ता है अक्सर उसे ही टूट के चाहता है ....

मेरी आरज़ू .....

काश की हाल-ए-दिल कहने को अल्फाजों की जरूरत न होती ....
.
बस साँसों की हलचल से ही समझ जाते वो मेरी आरज़ू .....

अल्फाजों से जुदा

कहने को तो अक्सर बहुत कुछ कहती रहती है वो ...

पर जो ख़ामोशी से वो कहती है वो अल्फाजों से जुदा होती है ....

Friday, January 4, 2013

अक्सर उसे नज़र नहीं आता ....

उसके करीब ... इतना  करीब हूँ मैं ....

की अक्सर उसे नज़र नहीं आता ....


दावा था उनका

दावा था उनका यह की अपनी जान से भी ज्यादा मुझे चाहते है ....

पर जाने कहाँ होते थे जब तब उनकी ही  मुन्तजिर नज़र होती थी ....

Wednesday, January 2, 2013

तेरी रजा ....

इतनी जुर्रत नहीं मुझमे ....
की तुझे खो के जी सकूँ ....
मेरी कमजोरी समझ इसे ...
या मोह्होब्बत ...ये तेरी रजा ....

मैं मस्त मौला

गम मिलते है नसीब वालों को ....
खुशिया भी उनके ही दमन में ...
एक मैं मस्त मौला मेरे दोस्त ....
न पाने की ख़ुशी न खोने का गम .....

जन्नत की तलब

ख्वाहिशें आसमान सी मेरी ...
ऊंची पर नामुमकिन नहीं ...
तू साथ है गर मेरे ए दोस्त ...
मुझे जन्नत की तलब नहीं .....

Tuesday, January 1, 2013

संगदिल ....

इलज़ाम लगा रहे वो हमपे संगदिल होने का .....
.
भूल जाते है इसी दिल में पनाह पाते है ....