Sunday, April 4, 2010

दीवानगी

उनकी इन्तजार में कितनी सुबहें, शाम हो गई....
जिनके लिए ख़ास थी हमारी हर अदा, आम हो गई...
हम तो उनका जिक्र, खुदसे भी संभल के किया करते है...
और वो कहतें है मैं तेरी दीवानगी के चलते हर जगह बदनाम हो गई...

1 comment:

Apanatva said...

bahutkhoob............