मिला जो तुमसे तो लगा,
जिंदगी से त-आरुफ़ हुआ,
हैरां हूँ मैं ये सोच कर,
इतने दिन मैं केसे जिया,
आती जाती सांसो की बस यही है सदा,
अब जिया जाता नहीं होके तुमसे जुदा,
मिलना तो अपना तय है ये तो जनता हूँ मैं,
धड़कने कब रह पाई है होके दिल से जुदा,
यूं ही पहले भी रोशन होती होगी दीवाली,
यूं ही पहले भी रंग बिखेरती होगी होली,
यूं ही पहले बहार चमन महकती होगी,
यूं ही पहले भी बारिश बदन भिगाती होगी,
जाने क्यों हमको कुछ भी याद नहीं,
अब सब कुछ लगता है नया नया,
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