Sunday, June 29, 2008

तेरा आना....

यूँ ही आजकल दिल में ख्याल आते हैं...
की तुम न मिलते तो यह जिंदगी क्या होती...
क्या इसी तरह मैं फ़िर भी खोया रहता ...
क्या इसी तरह मैं जागके भी सोया रहता...
क्या यूँ ही हर सूरत एक जेसी नजर आती...
क्या यूँ ही करवटों में रात बीत जाती...
क्या ऐसे ही कभी तन्हाई मुझे सताती...
क्या ऐसे ही एक याद होठों पे हसी लाती...
क्या यूँ ही बारिश की बुँदे मुझे जलाती...
क्या यूँ ही कोई शरारत भी मुझे लुभाती...
सच पूछो तो शायद ऐसी कोई बात नही हो पाती...
गर यूँ ही इत्तेफाकन तू मेरी जिंदगी में न चली आती...

3 comments:

Advocate Rashmi saurana said...

bhut khub. likhate rhe.
please aap apna word verification hata le taki humko tipani dene me aasani ho.

Anonymous said...

वर्ड वेरिफिकेशन हटाने के लिए सबसे पहले आप न्यू पोस्ट मे जाइए, उसके बाद ले layout मे जाए. उसके बाद सेटिंग पर किल्क कीजिए. फिर कमेंट मे जाइए. उसके बाद आपको नीचे की तरफ show word verification for comments उसे नो कर दीजिए. फिर उसे save ज़रूर करिए. अगर फिर भी कोई कन्फ्यूषन हो तो मुझे बताना. मे आपकी पूरी हेल्प करूगी.

seema gupta said...

क्या यूँ ही करवटों में रात बीत जाती...
क्या ऐसे ही कभी तन्हाई मुझे सताती...
" sunder abheevyektee"

regards