Friday, June 27, 2008

नाकाम हसरतें...

तेरी जुदाई दिल को ऐसे खलती है...
नाकाम हसरतें जेसे दिल को खलती है...
आप कहते हो की आप खफा नही हो हमसे...
शायद हो भी ऐसा, पर आपकी खामोशी खलती है...

तुमसे जुदा होके जीना पड़ेगा ये तो तस्सवुर मे भी गवारा न था...
पर कहते है न की वक्त के आगे यहाँ किसकी चलती है...
हमे तो न था नसीब , किस्मत की बातों पे ऐतबार...
पर सच है जिसकी किस्मत हो उसीकी "लॉटरी" खुलती है...

मेरे वादे पे काश की तुम्हे ऐतबार होता...
मेरी बातों पे काश की तुम्हे ऐतबार होता...
काश की तुम्हारा एक बार भी इकरार होता...
ये सब बातें है जो दिल को आज भी खलती है...



2 comments:

seema gupta said...

तुमसे जुदा होके जीना पड़ेगा ये तो तस्सवुर मे भी गवारा न था...
" shandaar, kismet or waqt ke aagey kiska jor chla hai"

Anonymous said...

तुमसे जुदा होके जीना पड़ेगा ये तो तस्सवुर मे भी गवारा न था...
पर कहते है न की वक्त के आगे यहाँ किसकी चलती है...
bhut sundar. badhai ho.