रखता हूँ सबसे छुपा के तुम्हे....
तुम दिल मे समाये हो...
बस गिला इतना ही है तुमसे...
पलके जुडी रहती है तो नजर आती हो...खोलते ही चली जाती हो..
हर शख्स में ढूंढ़ता हु तुझे...
हर अक्स में पाता हूँ तुझे....
याद नही आता इतनी शिद्दत से चाहना किसी को...
मेरे हर लम्हे में सोचने लगा हूँ तुझे.....
चल पलके बंद कर लेते हैं....
ख्वाब में मिलने के साथ....
हकीकत में तो क्या पता... ये दुनिया मिलने दे या न दे....
पर ख्वाबों में तो रह सकतें है साथ साथ....
3 comments:
janha hotee hai chah
vanha
sadaiv hotee hai raah
sahi kaha aapne..
Romani andaaz!
Khoobsoorat.....
Eeshwar kare palkein khulne par bhi wo na jaaye....
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