जर्रा जर्रा सी दूरी भी दरार बना गई ...
ख़ामोशी तेरी दिल में खलिश जगा गई ...
कभी तेरी तो कभी मेरी ....
ये मसरूफियत दरमियाँ के फासले बढ़ा गई ....
ख़ामोशी तेरी दिल में खलिश जगा गई ...
कभी तेरी तो कभी मेरी ....
ये मसरूफियत दरमियाँ के फासले बढ़ा गई ....
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