Friday, October 26, 2012

ए बेखबर ...

उसने कहा - कहाँ ढूंढते हो इश्क को ए बेखबर ...
                   ये खुद ही ढूंढ लेता है जिसे बर्बाद करना हो ...

मैंने कहा - कबसे बर्बाद होने को मैं बेताब बैठा हूँ ....
                 जाने इस इश्क की मुझपे नजर क्यों नहीं जाती ....

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