मजबूर दिल के हाथों हैं
जो जान के भी अनजान बनते है ...
जिसने सिरे से खारिज करदी मेरी मोह्होब्बत ..
हम पल पल में बस उसीका इंतज़ार करते हैं ....
जो जान के भी अनजान बनते है ...
जिसने सिरे से खारिज करदी मेरी मोह्होब्बत ..
हम पल पल में बस उसीका इंतज़ार करते हैं ....
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