Friday, December 28, 2012

अपनी मुसुकुराहट से जीने का सबब दे दे ...

दुआओं से मिली ज़िन्दगी को हादसों की सौगात न बुला ...
कीमत इसकी उनसे पूछ जो बेमौत मारे जाते है ..

रहम दिल खुदा ने तुझे ये ज़िन्दगी अता की ...
तू अपनी मुसुकुराहट से जीने का सबब दे दे ...

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