Monday, September 3, 2012

ख़ामोशी ....

 कितने ही राज लिए होती है ख़ामोशी ....
इकरार-ए -जुर्म का निशान भी होती है ख़ामोशी .....
दिल तोड़ देती है ये ख़ामोशी
हर जगह अछि नहीं होती ख़ामोशी .....

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