Friday, September 21, 2012

उनके नूर से ही नूर मिला ..


उनके आने के इंतज़ार में हमनें;
सारे रास्ते दिएँ से जलाकर रोशन कर दिए!
उन्होंने सोचा कि मिलने का वादा तो रात का था;
वो सुबह समझ कर वापस चल दिए

उस रात चिराग भी पुरे जोश में थे ...
ऐसे जले की रात को भी दिन का मंजर बना दिया ...
जब गिला किया चिरागों से मेने ...
बोले दोस्त , हमे तो उनके नूर से ही नूर मिला ....

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